लघुकथा ःभूतिया ट्रेन
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उस ट्रेन को सब भूतिया कहते थे।कादंबरी नामक एक छोटा सा कस्बा था,जहां से कभी ये ट्रेन -2586गुजरती थी।
कादंबरी से होकर रेलवे लाइन गुजरती थी।एक बार उस ट्रेन की लगभग 3बोगियों में आग लग गई थी।रेलवे प्रशासन का तो बहुत अधिक नुकसान हुआ ही था,लोग जन भी बहुत हताहत हुए थे।जले हुए तीनों बोगियों में एक भी ऐसा नहीं था,जिसे बचाया गया हो।
यह हादसा भी रात के लगभग 2:30के आसपास घटी थी।उसदिन भादो की दूसरी अमावस्या थी।
उसके बाद लगभग हर दूसरे तीसरे महीने में यह हादसा हो ही जाता था।
बाद में इसीलिए, सरकार ने कादंबरी से गुजरने वाली ट्रेन रूट को ही बंद कर दिया।
लेकिन अब भी भादो महीने की दूसरी अमावस्या को ट्रेन चलने और लोगों की दर्द नाक चीखें सुनाई देती हैं।साथ ही जलने की दुर्गंध और धुँआ पूरे कादंबरी क्षेत्र में फैल जाती है।ऐसा क्यों होता है,यह आजतक प्रश्न चिह्न बना हुआ है।
विपिन चंद्र पहली बार कादंबरी गाँव जा रहे थे।विपिन पेशे से एक अध्यापक थे।उनका मित्र था--राधेश्याम जो कि कादंबरी गांव में रहता था।
राधेश्याम को बेटी हुई थी।उसने अपने गांव में ही एक प्रीति भोज का आयोजन किया था।
इसी उपलक्ष्य में विपिन आ रहे थे।वह किराए की टैक्सी लेकर आ रहे थे।अचानक कार बीच रास्ते में खराब हो गई।कार ठीक होते होते काफी देर हो गई।
कादंबरी पहुचते रात के 2:00बज ही गए थे।
विपिन ,उसकी पत्नी और ड्राइवर तीनों को ट्रेन के चलने की आवाज़ आने लगी और लोगों की चीख पुकार भी सुनाई देने लगी।
वह लोग अपनी आँखों से देख रहे थे कि एक जलती हुई ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार से भाग रही थी ।उसमें भयंकर आग लगी हुई थी कुछ खिड़कियों से लटके थे तो कुछ दरवाजों पर।
सब उनसे जान बचाने की मदद मांग रहे थे।
डरकर विपिन ,उसकी पत्नी और ड्राइवर तीनों काँपने लगे..।कार वहीं किनारे खड़ी कर दिया ।उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि वह आखिर उनकी मदद कैसे करें।
आग के धुएं में उनका दम घुटने लगा और लगभग बेहोश हो गए।
उसी गांव का एक व्यक्ति ने आते हुए देखा कि एक अजनबी गाड़ी उनके गांव आई है और उसमें सब बेहोश हैं।
उसे लगा कि ये मेहमान राधेश्याम जी के ही होंगे।तब उसने जल्दी से जाकर राधेश्याम को खबर किया।राधेश्याम भी दो चार लोगों को लेकर वहां पहुंच गए।
पानी उनलोगों के चेहरे पर छिड़का गया तब उन्हें होश आया।
विपिन ने अपने साथ घटे ट्रेन वाली बात बतला दिया कि कैसे वो लोग मदद मांग रहे थे।फिर अत्यधिक धुएं से ही वो सभी बेहोश हो गए थे।
उनकी बातें सुनकर राधेश्याम और बाकी सभी हैरान रह गए।
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दूसरे दिन राधेश्याम विपिन को अपने खेत घुमाने ले गया।वहां उसने दिखाया कि कादंबरी में अब ट्रेन रुट ही नहीं चलती, इसे अपरिहार्य कारणों से बंद कर दिया गया है।
अब विपिन बहुत ही हैरान हुआ, क्योंकि वहाँ रेलवे लाइन पर साफसाफ लिखा था--इस रुट की सभी रेलगाड़ी कुछ समय के लिए स्थगित हैं।रेलवे का बंद गेट भी साफ नजर आ रहा था।
विपिन हैरान रह गया.. उस भूतिया ट्रेन की सच्चाई जानकर..!!
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स्वरचित
सीमा...✍️©
Sana khan
27-Aug-2021 12:07 PM
Nice
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🤫
26-Aug-2021 01:19 PM
नाइस....
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